Saturday, May 9, 2020

एक प्यार भरा सफर

बाते एक अधूरी सी है एक अधूरी कहानी, हुई थी एक मुलाकात जाने अनजाने, न जाना था न पहचाना था, बस था कोई रिश्ता अपना सा, न जाने क्यों शुरू हुई ओ बातो का दौर, कभी जाने का गम और कभी इन्तजार का गम, चलती रही एक शाम से दूसरे शाम, सिलसिला चला और चलता है न जाने कब हमें अपना सा लगता गया ,  बाते थी जो खत्म न होती जो समय था न जाने कब चला जाता, मनाते दिल को कल तक के लीये था मुझे भी इन्तजार था उन्हें भी कल का इन्तजार, चलती रही बाते बढ़ते रहे दिन यू ही , जब तक समझ में आता तब तक बहुत दूर चले गए आज न बाते होती है और न ही मुलकते न जाने क्यों , शायद मेरी गलती शायद उनकी कमाल की बद्दुआ है ग़ालिब, पहचाने से लोग भी अनजान से हो गए , जिंदगी इसी का नाम  है ||

    वो जो सफर था याद रहेगा सदा, आज भी जब दिल में याद सताती है तो वही खिलखिलाता सा चेहरा ठंडक सा दे  जाता है, शायद सफर था ही इतना सा , लेकिन यादें इतनी दे गया शायद कई जन्म कम पड़ जाये उसे जीने में .. !
आज शाम फिर तुम्हारी हसी ने मुझे जगाया, शायद तुम कुछ कहना चाहती थी कुछ गुनगुनाना चाहती थी, एक बार  लगा शायद तुम सपना हो, हाँ वो सपना ही था, सपने भी इतने हसीं होंगे शायद सोचा नहीं था,  फिर सारी  याद पुराने पन्नो की तरह पलटने लगी, और वो खूबसूरत पल फिर से सारी यादे याद दिला गया, तुम हो यही कही हो, मेरी यादों में मेरी आँखों में ........ !

एक अधूरी सी आस अगले जन्म की शायद फिर मुलाकात हो, शायद फिर तुम्हारा साथ हो


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