Sunday, June 14, 2015

स्वराज्य सुशासन और सरकार

स्वराज्य  सुशासन और सरकार  की बाते करना और सुनना लोगो ने तब से शुरू किया जब अप्रैल २०११ में अन्ना जी ने भूख हड़ताल शुरू किया, अन्ना जी चाहते थे की जनलोकपाल जैसा एक कानून पास हो और लोगो को एक जवाबदेह सरकार मिले, वो ये  भी चाहते थे की लोगो को राइट टू  एक्ट और राइट टू  रिकॉल जैसा कानून भी  मिले जिससे जनता के चुने हुए नेता की सीधे जवाबदेही जनता को हो ।
इसी आनदोलन के समय में अन्ना जी का साथ देने या यूँ कहे की केजरीवाल जी और उनके कुछ लोग अन्ना जी को इस आंदोलन  में अपने साथ लाये और ये आंदोलन की शुरुवात की और अन्ना जी से अनसन करवाया लेकिन जब केजरीवाल और उनके मित्रो को लगा की अन्ना और और उनके कुछ सहयोगी उनसे अलग सोच रहे है तो केजरीवाल और उनके सहयोगी उनसे अलग हो के अपना अलग मूवमेंट शुरू किया और उसके लिए केजरीवाल भूख हड़ताल पर गए मार्च २०१३ में और इसमें उनका साथ दिया गोपाल राय ने जो उनके साथ भूख हड़ताल पर गए थे, करीब १५ दिन बाद उन्होंने ये कह के अपना अनशन तोडा की भारत सरकार उनकी बात नहीं मान रही है और उन्होंने उस दिन एक नयी  पारी की शुरुवात की एक नई पार्टी (आप) बना के , और इधर अन्ना जी ने हार नहीं माना  और उन्हें ये सफलता दिसंबर २०१३ में जा के मिली जब भारत सरकार ने उनकी कुछ बातो को मान के इसे लागू करने हो कहा ।  

केजरीवाल जी ने अपनी पार्टी बना के उसका विस्तार दिल्ली चुनाव के पहले घर घर जा के अपना प्रचार किया और लोगो को बताया की वो ही है जो उन्हें स्वराज्य  सुशासन और सरकार  अच्छी दे सकते है उन्होंने यैसा कोई नहीं मिला  जिस पर इल्जाम न लगाया हो , उन्होंने दूसरी पार्टयों का भय और अपने अच्छे वादो से लोगो को दिल जीता और दिल्ली में कांग्रेस के सहयोग से एक  सरकार दी , इन्होने बिजली पानी को मुफ्त या फिर आधा करने को कहा था और उन्होंने ये किया भी लेकिन कैसे ये सोचने वाला विषय है इन्होने जनता के डेवलपमेंट के पैसो को ही बिजली सप्लाई करने वाली कम्पनी को दे के लोगो को सब्सिडी दी , इन्होने कभी ये नहीं सोचा जो ये बोझ दिल्ली पर ला रहे है उसका क्या होगा इन्होने जनता दरबार लगाने की बात की लेकिन इन्होने ये नहीं सोचा इंतजाम कैसा होना चाहिए ये दुबारा जनता दरबार ना लगाने की सोची और जैसे तैसे ये सरकार ४९ दिन ही पुरे कर सकी, जो सकरार ये दावे करती थी की हम हर अहम फैसला जनता से पूछ के करते है, वही सरकार कुछ मिनट में ये फैसला ले लिया और अपनी मुखयमंत्री  के पद से स्थिपा दे दिया । 

और फिर दुबारा चुनाव हुआ तो ये पूर्ण बहुमत वाली सरकार ले के आये , इन्होने शुरुवात अच्छी की या ये कहे मार्केटिंग अच्छी की दोनों ही विषय सोचने वाली है , इन्होने जनलोकपाल बिल को पास करने को कहा था ४-५ महीने होने को है अभी तक पता नहीं इस बिल का क्या हुआ , दिल्ली में अभी कोई लोकपाल नहीं है उसके बारे में सोचना तो दूर इन्होने अपनी पार्टी के लोकपाल को हटा दिया ये कह के इनका कार्यकाल बहुत दिन पहले ही समाप्त हो चूका था, लेकिन हटाने के पहले इन्होने इनकी कई मुद्दो पर सहायता की जैसे इनके नेताओ पर कई इल्जाम लगे तब इन्होने ही अंदरुनी जांच करके उनको सबको सही बताया तब संजय जी या केजरीवाल जी को नहीं लगा की इनके लोकपाल का कार्यकाल खत्म हो चूका है लेकिन जैसे ही इन्होने योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के बातो को सही बतलाने की कोशिश की इन दोनों के साथ लोकपाल को भी हटा दिया , खैर हमे इनके पार्टी के अंदरुनी मामलो में हस्तछेप नहीं करना है वरना ये बात बहुत आगे तक जायेगा !

केजरीवाल जी एक अच्छी आदत कहे या बुरी ये आप पर ही छोड़ते है ये जब भी इनके पार्टी के किसी भी नेता पर कोई भी इल्जाम लगता है तो ये उसे सही बतलाने की पूरी कोशिश  करते है , या तो उन्हें पता नहीं होता है या फिर लोगो को ये बेवकूफ समझते है , इन्होने लोगो को २०००० लीटर पानी मुफ्त देने की बात कही लेकिन कैसे देंगे इसके लिएकोई ठोस कदम उठा हो लेकिन हमें यैसा कही नहीं दिखा, ये लोगो को बिजली का बिल आधा कर  लेकिन देंगे कैसे ये नहीं सोचा , बिजली बनाने के कोई नए श्रोत खोजे नहीं जो है उनमे से कई बंद पड़े थे या फिर कुछ आभाव के चलते नहीं चल रहे है तो बिजली सस्ती कैसे करेंगे ये नहीं सोचा, इन्होने बिजली कंपनी का भी ऑडिट करने को कहा था लेकिन क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता ऊपर से बिजली के दाम बढ़ने वाले है अब उस पर क्या करेंगे, केजरीवाल जी  कहे अनुसार बिजली बिल देना बंद कर दे , जहाँ तक मै  समझता हु अगर इन सब चीजो के लिए कोई ठोस कदम और कोई नए श्रोत तलाशे होते तो तो कम से कम लोगो को कुछ साल में कम दाम में बिजली मिलने शुरू हो जाते !

इन्होने कर्रप्शन के खिलाफ आवाज काफी लेकिन जब बात अपनी पार्टी की आती है तो ये आँखे मूद  लेते है जैसे राखी बिड़ला को गिफ्ट के तौर SUV कार मिली और उन्ही के जन्मिदीन के पार्टी में उनके भाई ने कुछ लोगो से मारपीट की , इन्ही के पार्टी में कई लोगो पर फर्जी डिग्री के केस चल रहे है लेकिन सबको केजरीवाल जी ने पाक साफ बताया और उन्ही में से एक आज पुलिस रिमांड पर है जो की इनके कानून मंत्री थे , इन्ही के पार्टी के सोमनाथ भर्ती जी है जिन पर पहले भी महिलाओं पर बदसलूकी करने का इल्जाम लग चूका है अब उन पर उनकी ही धर्मपत्नी ने आरोप लगाया की वो उन्हें मारा और गली गलौज करते थे । अभी कुछ दिनों पहले पता लगा राखी बिड़ला जी स्ट्रीट लाइट लगवाने में काफी पैसे बनाये है लेकिन केजरीवाल जी का इस पर कोई बयान नहीं आया , केजरीवाल जी झूठ बोलने में काफी माहिर है और अगर पकडे जाते है तो माफ़ी मांग के निकल लेते है इन्होने बोला की दिल्ली मे ३५ अफसर को पकड़ा लेकिन RTI  के द्वारा पता लगा उन समय में केवल ७ लोग ही ससपेंड हुए है , इन पर कोई इल्जाम  विपछी पार्टी  मिला लेकिन ये जब  किसी पर कोई भी इल्जाम लगते है वो   बिना सबूत  के तो  भी ये सही है , इन्होने शीला जी  लगाया था लेकिन क्या हुआ इस पर किसी को कुछ नहीं पता अभी । हम ये नहीं कहते की सारी  पार्टी दूध की धूली हुई है लेकिन आप का जन्म इनके खिलाफ हुआ था तो इनसे सबको यैसी उम्मीद  कभी नहीं होगी !!

अगर ये सच में दिल्ली और दिल्ली की  जनता को सुखी देखना  चाहते है तो ये सबसे पहले आरोपों की राजनीती छोड़  के काम की राजनीती शुरू करे , कैसे लोगो के जरुरत की चीजे मिलेंगी और उस पर क्या और कैसे काम करना होगा