हमने ऊपर ये सारी बातें इसलिए नहीं कही की हमें मुस्लिमो से नफरत है . बस मै ये कहना चाहता हु की मुस्लिमों के ये बात सोचनी चाहिए जो इतने साल तक शासन किया हो ओ क्यों, कब और कैसे अल्पसंख्यक हो गया . इन्हें अपनी रुड्वादी विचारो को छोड़ना पड़ेगा नहीं तो इनकी तरक्की कभी नहीं हो सकती . जब तक अपने घरो में ये लड़कियों औरतों को समान अधिकार नहीं देंगे इनकी तरक्की कैसे हो सकती है . जिस माँ के पेट से जन्म लेते है उन्ही पर सारी पाबन्दिया क्यों।
मुस्लिम मित्र बात करते है बाबरी मस्जिद का, हाँ ये मै भी मानता हु ये गलत हुआ। अब जब ये कोर्ट में है तो हमें कोर्ट के फैसला आने तक रुकना चहिये। हम सभी को ये बात मालूम होनी चाहिए बाबरी मस्जिद भी पहले हिन्दुओं का मंदिर था जिसे मुस्लिम शासक ने तोड़ कर मस्जिद का निर्माण किया था। लेकिन इन सब बातों को न सोचते हुए कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए जो की कभी न कभी आयेगा ही। मुस्लिम भाई गोधरा कांड की बात करते है तो ये क्यों भूल जाते है उसके पहले मुस्लिम दहशतगर्द लोगो ने कुछ हिन्दू भाई को ट्रेन में जला दिया था। मै इन दोनों धटनाओं को सही नहीं ठहरा रहा हु जो भी हुआ ओ दोनों के साथ दुखद था। लेकिन अगर आप एक के दर्द से दुखी है तो दुसरे के दर्द से भी दुखी होना चाहिए। क्योंकि जब किसी के घर में किसी का देहांत होता है तो उसे ही उस दर्द का सही अनुभव होता है।
अगर मुस्लिम भाई हिन्दुओं को गोधरा कांड के लिए कठघरे में खड़ा कर सकते है तो बहुत सी कांड है जिनमे इनको भी खड़ा किया जा सकता है। हल के ही दिनों में आप आसाम में जो भी कुछ हुआ उससे कोई भी मूंह नहीं मोड़ सकता। अभी जो कुछ भी बंगाल में हो रहा था उससे भी कोई अनजान नहीं। क्या जितना दुःख ओ वहां के लिए दिखा है अब उनका दुःख वहां क्यों नही। क्यों नहीं मुस्लिम भाई ये कहते है की जो भी हुआ बंगाल में आसाम में ओ गलत है।
मुस्लिम मित्र क्यों नहीं समझना चाहते इनकी तरक्की इनके ही हाथ में है न कि किसी मौलवी के हाथ में। हमें हर उसका विरोध करना चाहिए जो गलत हो या देश विरोधी बातें करता हो ओ चाहे कोई भी धर्म को मानने वाला हो। हमें समझना होगा हमारा एक ही धर्म है और ओ है मानवता का।
मुझे बहुत दुःख होता है जब में ये देखता हु कई लोग कसाब, अफजल जैसे लोगो के कामों को सही ठहराते है। उन्हें सोचना चाहिए इन सरे घटनाओं में जिनका भी देहांत हुआ उनमे सरे धर्म के लोग थे। आतंकवादियों का न तो कोई नाम होता है और ना ही कोई धर्म। अब ओ समय आ गया है जब सभी धर्मो के लोगो को मिलकर फिर से अपने देश को सफल बनाना है। सभी को एकजुट होने का समय है। सबको मालूम है इस देश को आजाद कराने में केवल हिन्दू ही नहीं थे बल्कि सारे धर्मो के लोग थे, ओ ये सोच कर देश को आजाद नहीं कराए थे की आज हम इसे हिन्दू और मुस्लिम के बीच बाट दे।
अंत में मै बस इतना कहना चाहूँगा हम सब एक परिवार है और हमेशा रहेंगे। किस परिवार में लड़ाई झगडे नहीं होते है, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं की हम अपने परिवार से अलग रहने लगे। अगर हम सब यैसे ही लड़ते रहे आपस में तो ओ दिन दूर नहीं जब फिर से कोई और हम पर शासन करने न आ जाये।
हम सब का एक ही धर्म है और ओ है भारतीय। कभी भी कोई भी मुसीबत आएगी तो हम एक थे एक है और एक ही रहेंगे किसी भी मुकाबले के लिए।