Sunday, June 5, 2011

रामलीला मैदान की सुबह की लाइव तस्वीरें..और कुछ यूं हिरासत में लिए गए बाबा रामदेव


रामलीला मैदान पर चुपके से आई पुलिस और दो घंटे के संघर्ष के बाद बाबा हिरासत में ले लिया। सुबह होते होते तक दिल्ली का रामलीला मैदान खाली कराने के लिए पुलिस ने गजब की तेजी दिखाते हुए कार्रवई कर बाबा के समर्थकों को हटाने के लिए कड़ी पुलिस कार्रवाई की।


१. रामलीला मैदान के बाहर प्रवेश द्वार पर प्रातं: 5.30 पर पुलिस बर्बरता की विरोध करते श्रद्धालुओं को संवोधित करते हुए भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के सेंटर के प्रभारी आचार्य चंद्रदेव।

आंदोलनकारियों को बर्बबरता से टांग कर, घक्का देकर ले जाती पुलिस,






नई दिल्ली के रामलीला मैदान में योगगुरु बाबा रामदेव को अनशन से हटाने के बाद टेंट से बाहर निकलते दिल्ली पुलिस के जवान। बाबा रामदेव को बेहद गुप्त तरीके से दिल्ली से बाहर भेज दिया।
नई दिल्ली के रामलीला मैदान में योगगुरु बाबा रामदेव के एक समर्थक को हटाते दिल्ली पुलिस के जवान। आधी रात की इस कार्रवाई में करीब 30 लोग घायल हो गए।

नई दिल्ली के रामलीला मैदान में योगगुरु बाबा रामदेव के एक समर्थक को हटाते दिल्ली पुलिस के जवान। आधी रात की इस कार्रवाई में करीब 30 लोग घायल हो गए।
सरकार के साथ वार्ता टूटने के बाद पुलिस ने बाबा रामदेव का अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने के लिए आधी रात को रामलीला मैदान में कार्रवाई की और योगगुरु को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनके समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां बरसाई।

सरकार और 46 वर्षीय योगगुरु ने बीती रात एक दूसरे पर आश्वासनों पर विश्वासघात का आरोप लगाया, जिसके बाद यह नाटकीय पुलिस कार्रवाई हुई। करीब एक बजे रात को यह ड्रामा तब शुरू हुआ जब बड़ी संख्या में पुलिस रामलीला मैदान में पहुंची जहां बाबा रामदेव विदेशों में छिपाकर रखे गए कालेधन को वापस लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।

मध्य रात्रि से शुरू हुई कार्रवाई में पुलिस ने भोर होने से पहले बाबा के सभी समर्थकों से सत्याग्रह स्थल से बाहर कर दिया। हालांकि उनके समर्थकों ने इसका काफी प्रतिरोध किया। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया कि बाबा रामदेव जब अनशन स्थल छोड़कर जा रहे थे तब उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

बाद में सूत्रों ने बताया कि उन्हें दिल्ली से बाहर जाने दिया गया और उन्हें हेलीकॉप्टर के द्वारा हरिद्वार भेजा गया है। इससे पहले गृहसचिव जीके पिल्लै ने कहा था कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उन्हें हिरासत में लिया गया है। मौके पर पहुंचे दिल्ली पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता ने भी यही बात दोहराई थी।

गुप्ता ने कहा कि कुछ सुरक्षा चिंताएं हैं और योगशिविर लगाने की अनुमति रद्द कर दी गई है। रामदेव के समर्थकों ने पथराव किया, जबकि पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़ने के अलावा कोई बल प्रयोग नहीं किया। उधर, रामदेव के प्रमुख सहयोगी तिजरावाला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने योगगुरु का अपहरण कर लिया है। प्रवक्ता ने योगगुरु की जान को लेकर चिंता जताई। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से रामदेव की सुरक्षा एवं रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की।


पुलिस ने उनके योगशिविर के लिए अनुमति वापस ले ली और वहां निषेधाज्ञा लगा दी। दरअसल एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि उनके विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए राजनीतिक निर्णय लिया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।

बीती रात सरकार और रामदेव ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे। रामदेव को अनशन पर नहीं जाने के लिए मनाने के लिए उनसे वार्ता करने वाले केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने योगगुरु के करीब की ओर से लिखे गए उस पत्र को सार्वजनिक कर दिया जिसमें कहा गया है कि यदि सरकार कालेधन को वापस लाने और दोषियों के लिए कड़े कठोर दंड के कानून पर लिखित आश्वासन देती है तो वे शनिवार के शाम तक अनशन वापस ले लेंगे।

रामदेव ने यह कहते हुए पलटवार किया कि सरकार ने उनके साथ धोखा और विश्वासघात किया है और उन्होंने जीवन में कभी भी सिब्बल से बातचीत नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री की ही बात मानेंगे। आरोप प्रत्यारोप के बाद सरकार ने शनिवार की रात को उनकी मांगों पर आश्वासन का एक ताजा पत्र भेजा और उनसे अनशन वापस लेने की अपील की।


आधी रात को टेलीविजन कैमरों के सामने हुए इस ड्रामा के दौरान रामदेव के समर्थकों को सोते से जगा दिया गया। उनके समर्थक पुलिस कार्रवाई के विरोध में उठ खड़े हुए। पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने से कई वृद्ध महिलाएं बेहोश हो गईं। उनके 30 घायल समर्थक समीप के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।

पुलिस जब रैपिड ऐक्शन फोर्स के साथ अनशन स्थल पर पहुंची और रामदेव बाबा तक जाने लगी तब तक हंगामा और अफरातफरी का माहौल पैदा हो चुका था। योगगुरु वहां विशेष रूप से तैयार मंच पर सो रहे थे। जैसे ही यह खबर फैली की कि रामदेव को गिरफ्तार किया जा सकता है, महिलाओं समेत उनके समर्थकों ने पुलिस को उन तक पहुंचने से रोकने के लिए योगगुरु को चारों तरफ से घेर लिया।

कुछ समर्थकों ने बाबा रामदेव को अपने कंधों पर बैठा लिया। उन्हें वहां से हटाए जाने से और हिरासत में लिए जाने से पहले टेलीविजन पर उन्हें अंतिम बार देखा गया। इससे पहले रामदेव अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने अपील करते हुए देखे गए।

जब आंसू गैस का एक गोला मंच पर गिरा तब मंच में भी मामूली आग लग गई। इस आग को तुरंत बुझा लिया गया।
अपने समर्थकों को संबोधन में रामदेव ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की कि उन्हें दिन में गिरफ्तार किया जाए।

उन्होंने कहा कि मुझे बिना किसी सूचना के रात में क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अनशन में बड़ी संख्या में आने की भी अपील की। समर्थकों ने पुलिसकर्मियों को मंच के करीब आने से रोकने के लिए बर्तन, ट्राइपॉड और माइक फेंके।

पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। लोग मंच और आसपास के इलाके से जाते हुए देखे गए। समर्थकों ने दावा किया है कि बाबा को आचार्य बाल कृष्णन तथा भारत स्वाभिमान मंच के प्रमुख जयदीप आर्य के साथ गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के बाद दूसरे स्थान पर आने वाले स्वामी संपूर्णानंद ने आंदोलन की कमान संभाल ली है और उन्होंने लोगों से जंतर-मंतर पर एकत्रित करने का आह्वान किया।

पुलिस कार्रवाई के दौरान बैनर फाड़ दिए गए। गद्दे और फर्नीचर रामलीला मैदान में इधर-उधर बिखरे पड़े थे। रामलीला मैदान बाबा रामदेव ने योग शिविर के लिए 20 दिन के लिए बुक कराया था, लेकिन वह उनके सत्याग्रह आंदोलन का स्थल में बदल गया। आयोजक लोगों से पंडाल नहीं छोड़कर जाने तथा विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान करते हुए नजर आए।

रामदेव के आंदोलन से जुड़े कुछ उनके समर्थकों ने राज्य इकाईयों से पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अगली सुबह को विरोध प्रदर्शन करने को कहा। रामलीला मैदान से बड़ी संख्या में लोग जाते हुए देखे गए। उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों के साथ यह बहस करते हुए देखे गए कि जब उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था तब उन्होंने ऐसी कार्रवाई क्यों की।